एक ग़ज़ल सबको अच्छी लगेगी
आदमी आदमी को क्या देगा
जो भी देगा वही ख़ुदा देगा
मेरा कातिल ही मेरा मुनिसफ़ है
क्या मेरे हक में फ़ैसला देगा
ज़िंदगी को करीब से देखो
इसका चेहरा तुम्हें रुला देगा
हमसे पूछो ना दोस्ती का सिला
दुश्मनों का भी दिल हिला देगा
-सुदर्शन फ़ाकिर
No comments:
Post a Comment