Tuesday, September 7, 2010
अध्यापक हमेशा पूजनीय रहेगा
सपनों की सारी गलियां, खवाबों के तमाम रास्ते, चाँद-सितारे chhune की सारी चाहतें, सफलता-सीधी की सारी raahen अध्यापक के द्वार से होकर गुजरती हैं। अध्यापक चाहे संदीपन ऋषि हो, महावीर स्वामी हो, महात्मा बुध हो, अमृत्य सेन हो, मनमोहन सिंह हो या कोई सामान्य अध्यापक, फर्क नहीं पड़ता। सभी अध्यापक सिखाते हैं। कितने हैं जिन्होंने अपने आप a फॉर एप्पल या अ से अनार घर बैठ कर सीखा है? हर युग में अध्यापक की भूमिका है aour रहेगी। किसी ज़माने में तक्षशिला या उज्जयिनी ही उच्चतर शिक्षा के लिए जाने जाते थे अब तो छोटे शहर या गाँव में उच्चतर शिक्षा की सुविधा हो रही है। ये अध्यापक के कारण ही संभव हुआ है। सभी अध्यापकों को नमन है। एकाध अध्यापक की गलती को पूरी अध्यापक श्रेणी पर नहीं थोपा जाना चाहिए। है तो अध्यापक भी मनुष्य ही।
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fariyaad
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बहुत सुन्दर....आपने बहुत ही अच्छा लिखा है.... टीचर्स डे मुबारक हो...आपके ब्लॉग का टैम्प्लेट बहुत ही अच्छा है...शायद आप जानती हैं आप ऑफ लाईन रहते हुए भी हिन्दी में (ट्रान्स्लिट्रेशन)कर सकती हैं..
ReplyDeleteसादर
चन्दर मेहेर
lifemazedar.blogspot.com
kvkrewa.blogspot.com
आप ने बहुत ही सुन्दर लिखा है | धन्यवाद|
ReplyDeleteब्लॉग जगत् में आपका स्वागत है। इन ब्लॉगों पर भी आपका स्वागत् है- http://jyotishniketansandesh.blogspot.com/
ReplyDeletehttp://jyotishniketana.blogspot.com/
या तो दीवाना हँसे या तू जिसे तौफीक दे
ReplyDeleteवरना इस दुनियां में आके मुस्कराता कौन है
लाजवाब बेमिशाल - पढवाने के लिए आभार
"एकाध अध्यापक की गलती को पूरी अध्यापक श्रेणी पर नहीं थोपा जाना चाहिए। है तो अध्यापक भी मनुष्य ही"
बहुत अच्छी और सच्ची बात - एक इंसान के आधार पर पूरी बिरादरी को गलत या सही ठहराना सरासर गलत है
बहुत सुन्दर....आपने बहुत ही अच्छा लिखा है
ReplyDeleteहर युग में अध्यापक की भूमिका है और रहेगी।इस सच्चाई से हम पीछे नही हट सकते बहुत सुन्दर लिखा धन्यवाद
i salutes my all teachers
ReplyDeleteहिंदी ब्लाग लेखन के लिए स्वागत और बधाई
ReplyDeleteकृपया अन्य ब्लॉगों को भी पढें और अपनी बहुमूल्य टिप्पणियां देनें का कष्ट करें