Friday, November 26, 2010
Tuesday, September 28, 2010
मेरा प्यारा हैदर
Monday, September 20, 2010
ये झंडा उठाने वाले
एक धमाका चाहिए भगत सिंह से सीख।
आरक्षण के आन्दोलन के नाम पर जो लोग लूट खसूट कर रहे हैं, जनता क़ी संपत्ति को जला रहे हैं उनके खिलाफ बिगुल बजाओ, देर न करो वर्ना नुक्सान ज्यादा हो जाएगा। जो ज़मींदार हैं, संपन्न हैं, राज कर रहे हैं, उन्हें आरक्षण मांगते हुए शर्म आनी चाहिए। ये भीख मांगने के बराबर है। मेहनत से लो मांग कर नहीं। जाति के नाम पर आरक्षण क़ी चर्चा करना भी पाप है। आरक्षण करना है तो हैसियत के आधार पर हो। जिस के घर का चूल्हा गीला है उन पे ध्यान दो, उनके लिए मांगो। किसी को रोटी नहीं मिल रही aour कोई गुल्छरे उड़ाने के लिए झंडा उठाये है। कोई तो समझाए। आने वाली पीढ़ियों से तो डरो।
क्या नेता क्या नीतियाँ, सब कुछ गडमड्ड है। अब तो एक शेयर क़ी लाइन याद आ रही है-
कोई दोस्त है न रकीब है
यहाँ कोन किस के करीब है।
मैं किसे कहूं मेरे साथ चल,
यहाँ सब के सर पे सलीब है।
चौपाल पे टब्बर टोल
हिंदी दिवस पर मेरी हास्य पर आधारित पुस्तक 'चौपाल पे टब्बर टोल' का विमोचन हरयाणा क़ी शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल ने किया है। यह किताब हरयाणा साहित्य अकादमी ने प्रकाशित क़ी है। इसी पुस्तक से एक joke है -
अध्यापक - abc सुना.
बच्चा - जी छोटी सुनाऊं या बड़ी?
इस किताब क़ी खासियत है क़ी हंसा हंसा कर जान ले लेगी। बच के रहना। जितनी जान जायेगी उतनी ही मस्ती होगी। हँसते हँसते जान जाए और चाहिए भी क्या? है न???
Tuesday, September 7, 2010
अध्यापक हमेशा पूजनीय रहेगा
Thursday, August 5, 2010
पेड़, पीढ़ी और रक्तदान
इस धरा को हरा-भरा रखने के लिए आओ हम सब पेड़ लगायें। पर सिर्फ पेड़ लगाना ही काफी नहीं है उनका पोषण भी ज़रूरी है। यह हमारी आदत में शामिल होना चाहिए कि हम पेड़ सींचें। याद है न अपनी दादी - नानी हमेशा पास के पीपल या वाट वृक्ष को पानी दिया करतीं थीं। क्या हम उनका इतना सा भी अनुसरण नहीं कर सकते? अऔर ये भी याद है न कि वे हमेशा खाना खाने से पहले दो-चार गस्से पक्षियों के लिए निकाल दिया करतीं थीं। तभी तो उनके आसपास हमेशा चहचाहट रहती थी। अब अपने आँगन में चिड़िया कहाँ आती है? हो सके तो बुला लो उसे। देखना कितनी रौनक हो जायेगी। ये कमाल आपकी रोटी के दो गस्से कर सकते हैं। बस उन्हें किसी मुंडेर पर रख देना। नहीं तो पेड़ भी रोयेंगे कि उनकी शाखाओं पर किसी ने घोंसला ही नहीं बनाया। पेड़ होंगे तो हमारी पीढियां बचेंगी। आप क्या चाहते हैं? यही न कि वे बची रहें। तो आओ इस सावन में लगाओ एक पोधा और सींचो उसे हमेशा। अपने बच्चों के साथ साथ पेड़ को भी बढ़ते हुए देखो। पेड़ का बढ़ना किसी जादू से कम नहीं है। देखो पृथ्वी कितनी शक्तिशाली और विराट है। पर एक बीज उसे चीर कर yani कि धरा को फोड़ कर उगने लगता है और आसमान छूने की कोशिश करता है। यह देख कर आप का खून बढ़ जाएगा और आपका दिल करेगा कि रक्तदान करें।
ज़िंदा रहे तो फिर मिलेंगे
ज़िंदा रहे तो फिर मिलेंगे
मगर आपसे मिलके इस दिल ने महसूस किया है कि
आपसे मिलते रहेंगे तो ज़िंदा रहेंगे
Tuesday, August 3, 2010
आदमी आदमी को क्या देगा
आदमी आदमी को क्या देगा
जो भी देगा वही ख़ुदा देगा
मेरा कातिल ही मेरा मुनिसफ़ है
क्या मेरे हक में फ़ैसला देगा
ज़िंदगी को करीब से देखो
इसका चेहरा तुम्हें रुला देगा
हमसे पूछो ना दोस्ती का सिला
दुश्मनों का भी दिल हिला देगा
-सुदर्शन फ़ाकिर
Thursday, July 29, 2010
पतंग में मेरे प्राण हैं
Wednesday, July 28, 2010
Amazing Waves of Surprise
Tuesday, July 27, 2010
Somebody Else’s Image
Don’t believe people when they tell you how bad you are or how terrible your ideas are, but also, don’t believe them when they tell you how wonderful you are and how great your ideas are. Just believe in yourself and you’ll do just fine. For me it is important to use both sides of my brain.
Thursday, July 22, 2010
Self Confidence
Self-confidence is the key to winning, to excelling, no matter what we do in life.
Some of you may already have the beginnings of this confidence from academic or athletic or even social success but in my experience that will not be enough to get you through a career and a life that will thrill you rather than scare or bore you. So, how do you get it? What is the secret to developing your own brand of self-confidence?
First, you must resolve to grow intellectually, morally, technically, and professionally every day through your entire work and family life.
You need to be absolutely paranoid about the currency of your knowledge and ask yourself every day, Am I really up to speed? Or am I stagnating intellectually, falling behind? Am I still learning? Or am I just doing the same stuff on a different day or as Otis Redding sings 'Sitting on the dock of the bay... watching the tide roll away.'
The lust for learning is age-independent.Another important way to build your confidence is to seek out the toughest jobs, the most daunting challenges. There is nothing that builds confidence more than winning against the odds, believe it or not, losing against great odds builds it as well. Seek a real purpose. Seek to make a difference.
अपनी पसंद की एक कविता
और उस दरख्त से कोई पत्ती न झडे
बल्कि अँखुआ जाए एक कली मेरे पास वाली टहनी पर
कभी हो ऐसा माँ झट्क कर झाड दे धूप की चादर
और खन्न से गिरे एक सूरज
माँ बाँध ले उसे आँचल के कोने से
कभी हो ऐसा बादलों का कारवाँ गुज़र जाने पर छूट जाए उनकी डायरी
जिसमे लिखे हो उनके नाम पते और बारिश की तफ्सीलें
और उस डायरी को पढ लूँ मैं
कभी हो ऐसा हवाओं में उडने लगें पहाड
और हवाऐं गुज़र जाऐं पिता के सीने से हो कर
हल्का हो जाए पिता का सीना
कभी हो ऐसा जब मैं गुज़रू प्रलय से तो जल जाऐं मेरे वस्त्र मेरा शरीर
बह जाऐं मेरे हर्ष मेरे शोक
लेकिन एक तारा बचा रह जाए मेरी आँख में
कभी हो ऐसा
You And Only You
The person who you’re with most in life is yourself and if you don’t like yourself you’re always with somebody you don’t like. You have to leave the city of your comfort and go into the wilderness of your intuition. You can’t get there by bus, only by hard work and risk and by not quite knowing what you’re doing, but what you’ll discover will be wonderful. What you’ll discover will be yourself.
My favorite animal is the turtle. The reason is that in order for the turtle to move, it has to stick its neck out. There are going to be times in your life when you’re going to have to stick your neck out. There will be challenges and instead of hiding in a shell, you have to go out and meet them!
Tuesday, July 20, 2010
Never Give Up
Doors will slam in your face. You must pick yourself up, dust yourself off, and knock again. It’s the only way to achieve your goals in life. Just keep trying! Never give up, never, never give up! Because the only person that can stop you is - you!
Follow Your Heart
Remembering that I’ll be dead soon is the most important tool I’ve ever encountered to help me make the big choices in life. Because almost everything - all external expectations, all pride, all fear of embarrassment or failure - these things just fall away in the face of death, leaving only what is truly important. Remembering that you are going to die is the best way I know to avoid the trap of thinking you have something to lose. There is no reason not to follow your heart.
Your time is limited, so don’t waste it living someone else’s life. Don’t be trapped by dogma - which is living with the results of other people’s thinking. Don’t let the noise of others’ opinions drown out your own inner voice. And most important, have the courage to follow your heart and intuition. They somehow already know what you truly want to become. Everything else is secondary.
No one wants to die. Even people who want to go to heaven don’t want to die to get there. And yet death is the destination we all share.