मै अपनी धुन में रहता हूँ
वो अपनी धुन मे रहती है
अंबर जो उस से कहता हैं
धरती वो मुझ से कहती हैं
समा गये हम ...
इक दूजे मे कुछ यूँ
ना मै उस से मिलता हूँ
ना वो मुझ से बिछडती है.
Udai Shastri
वो अपनी धुन मे रहती है
अंबर जो उस से कहता हैं
धरती वो मुझ से कहती हैं
समा गये हम ...
इक दूजे मे कुछ यूँ
ना मै उस से मिलता हूँ
ना वो मुझ से बिछडती है.
Udai Shastri
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