Sunday, January 2, 2011

अभिनंदन नव वर्ष का मंगलमय हो साल

मनुज-मनुज में प्यार हो, फैले स्नेह सुगंध।
आओ मिलजुल हम करें, ऐसा नव अनुबंध।।

दुर्लभ हो गए आजकल, अच्छे-सच्चे लोग।
मिल जाएँ तो मान लो, इसे सुखद संयोग।।

पिछला संवत चल दिया अपनी लाठी टेक
नया बर्फ सा कुरकुरा, मूँगफली-सा नेक

गमले भर गुलदावदी क्यारी भरे गुलाब
आसमान कोहरा भरा ठंड उमगता माघ

दिशा दिशा में दीप रख द्वारे बंदनवार
नया साल खुशियाँ भरे सर्दी हो गुलनार

साल नया गुलज़ार हो–मिटें सभी के दर्द
मेहनत से हम झाड़ दें गए साल की गर्द

अभिनंदन नव वर्ष का मंगलमय हो साल
ऋद्धि सिद्धि सुख संपदा सबसे रहें निहाल